Hindi Kavita
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ग़ज़ल मेरी दिल को लुभाने लगी है
मुहब्बत का जादू ज़गाने लगी हैं।
दिखाता हूँ जब भी मैं आईना इसको
क्यों दुनिया ये आँखें चुराने लगी है।
अकेला नहीं मैं, तेरी जुल्फ खुलकर
सभी को ये पागल बनाने लगी है।
मेरी शायरी का असर तो हुवा है
नज़र से ये पर्दें उठाने लगी है।
वह नादिम है ‘आरिफ’ वफाओं पर अपनी
मेरी आज मेहनत ठिकाने लगी है।
रचयिता
मोहम्मद आरिफ
(कवि, लेखक, गीतकार)
(प्दकपं ठववा वि त्मबवतके भ्वसकमत)
50, सिद्धवट मार्ग, मेन रोड
भैरवगढ़-उज्जैन (म.प्र.)
मो. 9009039743
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