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गुल ही गुल खिलते रहें

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गुल ही गुल खिलते रहें

जुस्तजूँ, बंदगी आशिक़ी
धड़कन-लम्हा आशिक़ी
रूह की तरह जि़न्दा रहें
आशिक़ी की कैफियत रहें
नज़र-नज़ारे आशिक़ी
जुस्तजूँ, बंदगी आशिक़ी
धड़कन-लम्हा आशिक़ी
आशिक़ी की तड़प रहें
दिल बस मचलता रहें
जाहिर-बातिन आशिक़ी
जुस्तजूँ, बंदगी आशिक़ी
धड़कन लम्हा आशिक़ी
आशिक़ी मचलती रहें
गिर-गिर सँभलते रहें
हवा-खुशबू आशिक़ी
जुस्तजूँ, बंदगी आशिक़ी
धड़कन-लम्हा आशिक़ी
आशिक़ी दौर चलते रहें
बस यूँ ही मिलते रहें
आवाज़-पुकार आशिक़ी
जुस्तजूँ, बंदगी आशिक़ी
धड़कन-लम्हा आशिक़ी
आशिक़ी तराने बजते रहें
आशिक़ी धुने बजती रहें
सुर-लय-ताल आशिक़ी
जुस्तजूँ, बंदगी आशिक़ी
धड़कन-लम्हा, आशिक़ी
आशिक़ी गुलशन सजते रहे
ज़र्रा-ज़र्रा, शै आशिक़ी
जुस्तजूँ, बंदगी आशिक़ी
धड़कन-लम्हा आशिक़ी

रचयिता
मोहम्मद आरिफ
(कवि, लेखक, गीतकार)
(India Book of Records Holder)
50, सिद्धवट मार्ग, मेन रोड
भैरवगढ़-उज्जैन (म.प्र.)
मो. 9009039743, 7806002306

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