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ग़ज़ल

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ग़ज़ल


देश मेरा इक्कीसवीं सदी में है
लेकिन घपले-घोटाले लिख रहा।
महँगाई-रिश्वत के नए कीर्तिमान
नए अरबपतियों की सूची लिख रहा।
आतंक-दंगों की हर सिम्त हरियाली
पड़ोसी देश की घुसपैठ लिख रहा।
दिखला रहा बाढ़-भूकम्प का लाइव
आँसू, बेबसी की सुर्खियाँ लिख रहा।
धर्म-अध्यात्म, प्रवचन के नए प्रपंच
आश्रमों की काम लीलाएँ लिख रहा।
विधान सभा में अश्लील वीडियोज़
नेताओं की शुचिताएँ लिख रहा।
रिश्वत के केस निपट रहे रिश्वत से
घुसखोर की बेनामी सम्पत्ति लिख रहा।
सुरक्षा-तंत्र में सेंधमारी बेहद
धमाकों के बाद अलर्ट लिख रहा।
मंगल पर जाने को आमादा है
कजऱ्दार किसान की खुदकुशी लिख रहा।
चुनाव-घोषणा-पत्र में वादे ‘‘आरिफ’’
फिर भी बेरोजगारी, ठगी लिख रहा।


रचयिता
मोहम्मद आरिफ
(कवि, लेखक, गीतकार)
(India Book of Records Holder)
50, सिद्धवट मार्ग, मेन रोड
भैरवगढ़-उज्जैन (म.प्र.)
मो. 9009039743, 780600230

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