Hindi Kavita
- 161 Posts
- 54 Comments
जिन्दगी
हर दिन
एक नया सवेरा है जिन्दगी
अगर देखना है
ईश्वर को तो
देख लीजिए आयना अपना
ईश्वर हमारे भीतर ही है
जो करता है साक्षात्कार कर्मों से
वह दिखावे से नहीं
कर्मों से होता है खुश
जिन्दगी एक गुलदस्ता है
जिसमें
भाँति-भाँति के सुमन
दे रहे हम को मधुर सुगंध
जहाँ खतरों के खिलाड़ी
नित नए रचते है कीर्तिमान
बिन आँखों के भी
उजाला है जिन्दगी
जहाँ उम्मीदों और सपनों को
सजाने से
मिलती है अपार समृद्धि
रखें होठों पर
मुस्कान की झिलमिलाहट
औरों को हँसाए
बाँटे खुशियाँ अपार।
मोहम्मद आरिफ
50, सिद्धवट मार्ग, मेन रोड
भैरवगढ़-उज्जैन (म.प्र.)
मो. 9009039743
Read Comments